टेक्नोलॉजी की रफ्तार तेज: TCS के Q2 FY26 नतीजों में दम, Giga AI योजना हुई और व्यापक

भारत की सबसे बड़ी IT सेवा कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) ने 9 अक्टूबर 2025 को अपनी वित्तीय तिमाही (Q2 FY26) रिपोर्ट जारी की, जिसमें कंपनी ने ₹12,075 करोड़ का शुद्ध लाभ बताया। यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ₹11,909 करोड़ की तुलना में 1.4% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि, पिछले तिमाही के मुकाबले लाभ में 5.4% की गिरावट आयी है। राजस्व भी ₹65,799 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के ₹64,259 करोड़ से 2.4% अधिक है और पिछले तिमाही के ₹63,437 करोड़ से 3.7% बढ़ा है।

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TCS के वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण

TCS ने EBIT (कमाई ब्याज और कर से पहले) में 7% की वृद्धि की सूचना दी है, जो ₹16,565 करोड़ रही। EBIT मार्जिन 25.2% तक पहुंच गया है। कंपनी के ऑपरेटिंग और नेट मार्जिन में भी सुधार देखा गया है। कुल संचालन से नकद प्रवाह (cash flow) नेट आय का 110% रहा जो वित्तीय स्वास्थ्य का संकेत है।

लाभांश घोषणा – विस्तार से जानकारी

Tata Consultancy Services (TCS) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के लिए अपने शेयरधारकों के लिए ₹11 प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश घोषित किया है। इस लाभांश का रिकॉर्ड दिनांक 15 अक्टूबर 2025 निर्धारित किया गया है और इसका भुगतान 4 नवंबर 2025 को किया जाएगा।

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क्या है अंतरिम लाभांश?

अंतरिम लाभांश वह लाभांश होता है जो कंपनी अपनी वार्षिक आम बैठक से पहले जारी करती है। इसे शेयरधारकों को कंपनी की मुनाफा स्थिति के आधार पर दिया जाता है, ताकि उन्हें नियमित आय मिलती रहे।

TCS का लाभांश नीति

TCS ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगातार कैश रिटर्न बनाए रखने का वादा किया है। यह कंपनी की स्थिर वित्तीय स्थिति और शेयरधारकों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

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लाभांश का प्रभाव

  • इस लाभांश के जरिए TCS लगभग ₹3,979 करोड़ अपने निवेशकों को वितरित करेगा।
  • इससे शेयरधारकों को अच्छा रिटर्न मिलता है, जिससे उनकी निवेश पर आकर्षण बढ़ता है।
  • बाजार में इस घोषणा के कारण TCS के शेयरों में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है।

लाभांश क्यों जरूरी है?

लाभांश से निवेशकों का विश्वास बढ़ता है और कंपनी की वित्तीय मजबूती का संकेत मिलता है। यह कंपनी के नियमित मुनाफे और कैश फ्लो की पुष्टि करता है।

कुल मिलाकर

TCS की यह लाभांश घोषणा वित्तीय स्थिरता और निवेशकों के साथ मजबूत रिश्ता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी की निरंतर लाभांश नीति शेयर बाजार में उसकी सकारात्मक छवि को मजबूत करती है।

यह जानकारी ताजा वित्तीय रिपोर्ट और समाचार स्रोतों पर आधारित है.

कर्मचारी कटौती और पुनर्गठन

Tata Consultancy Services (TCS) ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अपने कार्यबल में लगभग 2% यानी करीब 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। यह सबसे बड़ी भारतीय IT सेवा कंपनी है जो तकनीक में तेजी से हो रहे बदलावों के चलते इस कदम को उठा रही है।

कारण:

  • AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से बदलाव।
  • पुराने कौशल वाले कर्मचारियों का वर्तमान और भविष्य की मांग के अनुरूप न होना।
  • कंपनी की नई बेंच नीति, जिसके तहत कर्मचारियों को सालाना कम से कम 225 बिल योग्य दिन पूरे करने होंगे, और बेंच पर समय सीमा अब 35 दिनों तक सीमित है।
  • संगठन को अधिक कुशल, प्रतिस्पर्धी, और भविष्य के लिए तैयार बनाने का प्रयास।

प्रभाव:

  • छंटनी से 12,000 से अधिक कर्मचारी प्रभावित होंगे, जिनमें अधिकांश मध्य से वरिष्ठ स्तर के अनुभवी कर्मचारी शामिल हैं।
  • कंपनी ने कर्मचारियों को नोटिस पीरियड सैलरी (3 महीने तक), और उनके कार्यकाल के आधार पर 6 महीने से 2 साल तक का आकर्षक सेवरेंस पैकेज देने का निर्णय लिया है।
  • आउटप्लेसमेंट सहायता और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
  • रिटायरमेंट के करीब कर्मचारियों के लिए अर्ली रिटायरमेंट विकल्प उपलब्ध है।

प्रतिक्रिया और विवाद:

  • कर्मचारियों और कुछ यूनियनों ने इस छंटनी के खिलाफ आपत्ति जताई है और इसे श्रम कानूनों का उल्लंघन बताया है।
  • महाराष्ट्र सरकार सहित आईटी विभाग ने भी मामले पर ध्यान दिया है।
  • कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि पुणे में करीब 2,500 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।

यह जानकारी कई हिंदी और अंग्रेजी समाचार स्रोतों से प्राप्त की गई है.

गीगा AI योजना और AI में निवेश

TCS ने “गीगा AI” योजना भी लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य 1 गीगावाट क्षमता का AI डेटा सेंटर बनाना है। इस योजना के जरिए TCS विश्व की सबसे बड़ी AI-चालित टेक्नोलॉजी सेवा कंपनी बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रही है। CEO K Krithivasan ने इसे “Bold Transformation” बताया है, जिसमें टैलेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, इकोसिस्टम पार्टनरशिप और कस्टमर वैल्यू शामिल हैं।

TCS ने AI सेक्टर में बड़े निवेश का संकल्प लिया है और दुनिया भर में AI क्षमताओं को बढ़ाने के लिए interdisciplinary AI ऑफिस और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs) स्थापित कर रहा है। इसके तहत वह एक “human+AI” मॉडल पर काम कर रहा है, जिसमें AI एजेंट मानव कार्यबल के साथ मिलकर काम करेंगे।

AI और जेनरेटिव AI पर फोकस

TCS ने कहा है कि AI और जेनरेटिव AI प्रोजेक्ट्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और कंपनी के पास 600 से अधिक AI और जेनरेटिव AI परियोजनाएं जारी हैं। पिछले तिमाही में लगभग 86 प्रोजेक्ट्स प्रोडक्शन में गए हैं। TCS का AI और जेनरेटिव AI पाइपलाइन इस वर्ष चौथाई-दर-चौथाई बढ़ रही है।

ग्राहक और बाजार की प्रतिक्रिया

IT क्षेत्र में मांग धीमी होने के बावजूद TCS के ग्राहकों ने AI और जेनरेटिव AI पर निवेश बढ़ाया है, जिससे कंपनी को बेहतर नतीजे मिले हैं। BFSI (बैंकिंग, फाइनेंसियल सर्विसेज और इंश्योरेंस) और हाईटेक क्षेत्र में ग्राहक प्राथमिकता के कारण राजस्व में उछाल आया है।

निष्कर्ष

TCS ने अपने Q2 FY26 परिणामों के जरिए दिखाया है कि वह वित्तीय रूप से मजबूत है और अपने AI आधारित भविष्य की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। लाभांश घोषणा से शेयरधारकों को फायदा हुआ है और गीगा AI योजना से कंपनी को तकनीकी अग्रणी बनने में मदद मिलेगी।

Disclaimer:

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, लेकिन समय के साथ बदल सकती है। यह निवेश सलाह नहीं है। लेखक या प्रकाशक इससे किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। कृपया अंतिम निर्णय से पहले स्रोतों की जांच अवश्य करें।

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