Manoj Jarange ने मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की, मांगें पूरी होने तक नहीं हटेंगे!

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमाया हुआ है। मराठा समुदाय के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता Manoj Jarange Patil ने मुंबई के आजाद मैदान में 29 अगस्त 2025 को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। उनका साफ कहना है कि जब तक मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण नहीं मिलता वो इस आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। यह खबर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है।

अगर आप मराठा आरक्षण आंदोलन, Manoj Jarange की भूख हड़ताल, और इसके पीछे की वजहों को समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। हम इस मुद्दे को आसान भाषा में, तथ्यों के साथ और पूरी सच्चाई के साथ समझाएंगे।

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Manoj Jarange Patil Maratha Aandolan (1)

Manoj Jarange Patil कौन हैं?

Manoj Jarange Patil महाराष्ट्र के जालना जिले के रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं। जरांगे का जन्म बीड जिले के मातोरी गांव में हुआ था, लेकिन अब वो अपने परिवार के साथ जालना में रहते हैं। मनोज जरांगे पाटिल ने 2010 में 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी और मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन में कूद पड़े। उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें मराठा समुदाय का एक बड़ा चेहरा बना दिया है।

Manoj Jarange का कहना है कि मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण मिलना चाहिए, ताकि समुदाय के लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से आगे बढ़ सकें।

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भूख हड़ताल की शुरुआत: क्या हुआ 29 अगस्त को?

29 अगस्त 2025 को सुबह करीब 10 बजे मनोज जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ मुंबई के आजाद मैदान पहुंचे। वहां उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं यहां मराठा समुदाय को उसका हक दिलाने आया हूं। चाहे मुझे जेल हो या गोली मार दी जाए, मैं पीछे नहीं हटूंगा। उनकी इस बात ने न सिर्फ उनके समर्थकों का हौसला बढ़ाया, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में एक नई बहस छेड़ दी।

Manoj Jarange ने यह भी कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वो किसी भी तरह की हिंसा या हंगामे से बचें। हालांकि, मुंबई पुलिस ने उन्हें सिर्फ एक दिन के लिए प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन जरांगे ने साफ कर दिया कि वो मांगें पूरी होने तक आजाद मैदान नहीं छोड़ेंगे। बाद में पुलिस ने उनकी भूख हड़ताल को एक और दिन के लिए बढ़ाने की अनुमति दे दी।

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मराठा आरक्षण की मांग: क्या है पूरा मामला?

मराठा समुदाय लंबे समय से ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग कर रहा है। इस समुदाय का मानना है कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े होने के बावजूद उन्हें उचित अवसर नहीं मिल रहे। Manoj Jarange खास तौर पर मराठों को कुनबी जाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सके। कुनबी प्रमाणपत्र मिलने से मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिल सकता है।

पिछले कुछ सालों में इस मांग को लेकर कई बड़े आंदोलन हुए हैं। उदाहरण के लिए:

  • सितंबर 2023: Manoj Jarange ने जालना के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल की थी, जिसने सरकार पर बड़ा दबाव बनाया।
  • जनवरी 2024: उन्होंने जालना से मुंबई तक पदयात्रा की और नवी मुंबई में अनशन किया, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आश्वासन पर खत्म किया गया।
  • 20 फरवरी 2024: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठों को 50% की सीमा से ऊपर 10% आरक्षण देने का विधेयक पेश किया, लेकिन यह मांग पूरी तरह पूरी नहीं हुई।

 

Manoj Jarange की भूख हड़ताल से मुंबई में क्या असर पड़ा?

Manoj Jarange की भूख हड़ताल और उनके समर्थकों की भारी भीड़ ने मुंबई में काफी हलचल मचाई। हजारों की संख्या में मराठा समुदाय के लोग आजाद मैदान पहुंचे, जिससे शहर में कई जगहों पर जाम की स्थिति बन गई। अटल सेतु के कुछ एंट्री पॉइंट्स को बंद करना पड़ा और बेस्ट की बसें भी जाम में फंस गईं। इसके अलावा, मौसम विभाग ने मुंबई में भारी बारिश की चेतावनी दी थी, जिससे प्रदर्शनकारियों को और मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

Manoj Jarange ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है। कृपया पुलिस का सहयोग करें और कोई हंगामा न करें।” उनके इस बयान से साफ है कि वो अपने आंदोलन को लेकर कितने गंभीर हैं और साथ ही कानून का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं।

सरकार का रुख: क्या कह रही है सरकार मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर के ?

महाराष्ट्र सरकार ने Manoj Jarange के आंदोलन पर बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मराठा समुदाय को 10% आरक्षण दिया गया था, जिसका फायदा आज भी मिल रहा है। हालांकि, Manoj Jarange का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को पूरी तरह लागू नहीं किया, जिसके चलते वो दोबारा आंदोलन करने को मजबूर हुए।

Manoj jarange ने सरकार से मांग की है कि उनकी भूख हड़ताल को जारी रखने की अनुमति दी जाए और बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी और शौचालय उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वो जेल में भी अनशन जारी रखेंगे।

यह मराठा आरक्षण आंदोलन क्यों महत्वपूर्ण है?

मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत और समाज में एक बड़ा सवाल बन चुका है। मराठा समुदाय का कहना है कि आरक्षण के बिना उनके बच्चे और युवा शिक्षा और नौकरियों में पीछे रह जाएंगे। यह आंदोलन न सिर्फ सामाजिक बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मराठा समुदाय महाराष्ट्र की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है।

Manoj Jarange का यह आंदोलन 2023 के बाद उनका सातवां बड़ा प्रदर्शन है। हर बार उनके समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो दर्शाता है कि यह मुद्दा कितना संवेदनशील है। उनके समर्थक न सिर्फ जालना या बीड से, बल्कि पूरे महाराष्ट्र से मुंबई पहुंचे हैं।

क्या करें अगर आप इस मराठा आरक्षण मुद्दे को समझना चाहते हैं?

  • सोशल मीडिया पर नजर रखें: X जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग इस मुद्दे पर अपनी राय शेयर कर रहे हैं। हालांकि, वहां दी गई जानकारी को हमेशा जांच लें।
  • स्थानीय लोगों से बात करें: अगर आप महाराष्ट्र में हैं, तो मराठा समुदाय के लोगों से उनकी समस्याएं और मांगें समझने की कोशिश करें।
  • सरकारी बयानों पर ध्यान दें: सरकार और विपक्षी दलों के बयान इस मुद्दे पर नई जानकारी दे सकते हैं।

निष्कर्ष:

Manoj Jarange Patil की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे को फिर से राष्ट्रीय चर्चा में ला दिया है। मनोज जरांगे का दृढ़ संकल्प और उनके समर्थकों का उत्साह दिखाता है कि यह मराठा आरक्षण आंदोलन आसानी से खत्म नहीं होगा जब तक उनकी मांगों को स्वीकार न कर लिया जाए। महाराष्ट्र सरकार के सामने अब यह चुनौती है कि वो इस मांग को कैसे पूरा करती है ताकि सामाजिक और राजनीतिक शांति बनी रहे।

यह लेख आपको मराठा आरक्षण आंदोलन और जरांगे की भूख हड़ताल के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए लिखा गया है। अगर आपको यह उपयोगी लगा, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इस मुद्दे पर अपनी राय हमें कमेंट में बताएं। क्या आपको लगता है कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे में आरक्षण मिलना चाहिए? आपका क्या विचार है।

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