Aravind Srinivas: एक साधारण इंसान से Perplexity AI के सफल Founder बनने तक की प्रेरणादायक कहानी

चेन्नई के युवा उद्यमी Aravind Srinivas ने 31 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा अरबपति बनने का इतिहास रच दिया है। अब उनकी पहचान सिर्फ एक सफल टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योर के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा के रूप में भी देखी जाती है। इस ब्लॉग में हम उनकी कहानी आसान और विस्तार से बताने जा रहे है, ताकि आपको समझ आ सके कि Aravind Srinivas जी की सफलता मेहनत, नया सोच और सही दिशा में लगातार आगे बढ़ने से मिलती है।

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शुरुआती जीवन: तमिलनाडु से स्टार्टअप तक

Aravind Srinivas का जन्म 7 जून 1994 को चेन्नई (तब मद्रास) में हुआ था। वे हमेशा से पढ़ाई के प्रति लगाव रखते थे। उनके माता-पिता ने बचपन से ही उनकी शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया था। उनकी माँ चाहती थीं कि अरविंद IIT में पढ़ें, और अरविंद ने उनका सपना पूरा किया। अरविंद ने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री और पोस्ट डिग्री प्राप्त की। ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्हें तकनीक में गहरी दिलचस्पी हो गई थी। उन्होंने खुद से ही मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी फील्ड्स में आगे बढ़ना शुरू किया, और इस रास्ते पर कई चुनौतियों को पार कीं।

शोध और आगे की पढ़ाई

IIT मद्रास से डिग्री पूरी करने के बाद अरविंद ने अपना फोकस रिसर्च कार्य पर डाला और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले (UC Berkeley) से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री ली। इस दौरान उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों जैसे ओपनएआई, गूगल ब्रेन और डीपमाइंड में रिसर्च का अनुभव हासिल किया। यहाँ पर उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में गहरा अनुभव मिला।

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स्टार्टअप की शुरुआत और चुनौतियां

2022 में Aravind Srinivas ने डेनिस यारात्स, जॉनी हो और एंडी कोन्विन्स्की के साथ मिलकर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में ‘Perplexity AI’ कंपनी की शुरुआत की। उनका मकसद था एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सर्च इंजन बनाना, जो पुराने सर्च इंजन की समस्याओं को दूर करे और जानकारी को तेजी, पारदर्शिता और संदर्भ के साथ प्रस्तुत करे।

कंपनी शुरू करना आसान नहीं था। मार्केट में गूगल जैसी बड़ी कंपनियां पहले सेही मौजूद थीं। लेकिन Aravind Srinivas और उनकी टीम ने ग्राहक की समस्या का सही समाधान देने पर फोकस किया। उन्होंने अपने सर्च इंजन में यह खासियत जोड़ी कि जवाब तुरंत, सटीक और पूरा संदर्भ के साथ मिले। पारदर्शिता के सिद्धांत पर कंपनी ने हमेशा जोर दिया। यही कारण रहा कि बहुत कम समय में उनकी कंपनी यूनिकॉर्न बन गई, यानी 1 अरब डॉलर से अधिक वैल्यू वाली कंपनी।

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जबर्दस्त सफलता और अरबपतियों की सूची में नाम

Perplexity AI का ग्रोथ बहुत ही तेज हुआ है और हो रहा है। कंपनी कुछ ही महीनों में बड़े निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही, जिनमें Amazon के फाउंडर Jeff Bezos, Nvidia, SoftBank, आदि शामिल हैं। 2024-25 के बीच कंपनि की वैल्यू 20 अरब डॉलर के पार पहुंच गई थी।

2025 में प्रकाशित M3M Hurun India Rich List में Aravind Srinivas का नाम 21,190 करोड़ रुपये (लगभग 2.5 अरब डॉलर) की संपत्ति के साथ सामने आया है। इस उम्र में इतना बड़ा मुकाम पाना भारत के युवाओं को नई उम्मीद और प्रेरणा देता है।

भारत के युवाओं की नई लहर

सिर्फ अरविंद ही नहीं, बल्कि आज भारत के कई युवा टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप क्षेत्र की वजह से अरबपति बन रहे हैं। Zepto के संस्थापक कैवल्य वोहरा (22 साल) और आदित पलीचा (23 साल), OYO के रितेश अग्रवाल (31 साल) और कई युवा उद्यमियों ने अरबों की संपत्ति बनाकर देश का नाम रोशन किया है।

कुछ अहम क्षण

2023 में कंपनी का वार्षिक राजस्व 200 मिलियन डॉलर को पार कर गया।

मई 2025 में भारती एयरटेल से पार्टनरशिप के बाद Perplexity Pro की सर्विस भारत के 36 करोड़ यूजर्स तक मुफ्त में पहुंची।

Perplexity का AI ब्राउजर Comet वेब ब्राउजिंग के अनुभव को और आसान और स्मार्ट बना रहा है।

आसान भाषा में सीख और प्रेरणा

Aravind Srinivas की कहानी हमें सिखाती है कि –

  • असफलताओं से डरें नहीं, उन्हें सीखने का जरिया बनाएं।
  • नया सोचें, लगातार सीखते रहें और अपने लक्ष्य पर टिके रहें।
  • टेक्नोलॉजी के साथ जुड़े रहकर देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
  • हमेशा टीम वर्क और पारदर्शिता पर भरोसा रखें, तभी कंपनी आगे बढ़ेगी।
  • बड़े सपनों के साथ छोटे-छोटे कदम लें, समय के साथ बड़ी सफलता मिलती है।

टेक्नोलॉजी और भविष्य

Perplexity AI जैसे स्टार्टअप भारत को टेक्नोलॉजी हब बना रहे हैं, जहाँ युवा न केवल अपनी, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे हैं। अरबपति सिर्फ पैसा कमाने से नहीं बनते, बल्कि अपने काम से दुनिया को बदलने की सोच ही असली ताकत और पहचान बनाती है।

निष्कर्ष: Aravind Srinivas

Aravind Srinivas चेन्नई के युवा इंजीनियर और उद्यमी हैं। उन्होंने 2022 में Perplexity AI कंपनी शुरू की, जो AI से संचालित सर्च इंजन है और तेज, सटीक एवं स्रोत-सहित जवाब देती है। उनकी मेहनत, इनोवेशन और रिसर्च के कारण 31 साल की उम्र में उनकी नेटवर्थ ₹21,190 करोड़ पहुंच गई। Perplexity ने भारतीय टेलीकॉम कंपनी Airtel से साझेदारी की है, जिससे लाखों भारतीय यूजर्स को मुफ्त प्रीमियम AI सर्विस मिल रही है। Aravind Srinivas की कहानी भारत के युवाओं को नए सपने देखने और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

Aravind Srinivas की सफलता बताती है कि अगर हिम्मत और मेहनत साथ हो, तो कोई भी युवा वक्त से आगे निकल सकता है। भारत में युवा उद्यमियों की नई पीढ़ी देश की दशा और दिशा दोनों बदल रही है। उनकी सफलता हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो सपने देखता है और अपने सपनों को सच करने के लिए लगातार कोशिश करता है।

Disclaimer:

यह ब्लॉग केवल जानकारी और प्रेरणा के लिए है। इसमें दी गई बातें विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित हैं, लेकिन इसे व्यावसायिक या कानूनी सलाह न समझा जाए। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर रहेगा। अगर किसी जानकारी में त्रुटि हो तो हम से संपर्क करें, हम सुधार करेंगे।

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