Bajaj Allianz और AHPI के बीच बीमा नियामक दबाव संबंधित नए मामले सामने आए हैं, जिससे चारों तरफ अफरा-तफरी फैल गई है। आज हम बात करेंगे इसके कारण और सॉल्यूशन से लेकर पूरे मामले के बारे में। बता दें Bajaj Allianz भारत की एक बेहद नामी बीमा कंपनी है। यह Bajaj Finserv Limited and Allianz समूह के बीच एक संयुक्त व्यवसाय है। यह जीवन बीमा और सामान्य बीमा उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है।
यह कंपनी भारत में वित्तीय सुरक्षा और योजना बनाने के लिए insurance solutions प्रदान करती है। इसके जीवन बीमा उत्पाद के अंतर्गत स्वास्थ्य, बाल और पेंशन पॉलिसी आते हैं। वहीं सामान्य बीमा उत्पाद के अंतर्गत स्वास्थ्य, मोटर और यात्रा बीमा आते हैं।
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जानें क्या है Bajaj Allianz से जुड़ा पूरा मामला:

अगर आप Bajaj Allianz Health Insurance के ग्राहक हैं, तो यह खबर आपके लिए चिंता का विषय बन सकती है। Bajaj Allianz की पॉलिसी कई लोगों ने ली है जिससे उन्हें सबसे बड़ा फायदा यह मिलता है कि उनका इलाज बिना पैसे के पॉसिबल हो पाता है। अब बात करें मामले की तो एसोशिएशन ऑफ़ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ़ इंडिया (AHPI) ने पूरे देश में जितनी भी अस्पताल हैं, उन्हें निर्देश दिया है, कि 1 सितंबर 2025 से Bajaj Allianz की पॉलिसी वाले मरीजों को बिना पैसे के इलाज की सुविधा बंद कर दी जाएगी।
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क्यों AHPI ने फ्री इलाज बंद करने का दिया आदेश?
बताया जा रहा है कि AHPI के इस फैसले के पीछे के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि अस्पतालों का कहना है कि बीमा कंपनी इलाज की दरें बढ़ाने की बजाय लगातार उन्हें कम करने का प्रयास कर रही थी। इसके अलावा डिस्चार्ज अप्रूवल, कैशलेस क्लेम को मंजूरी देने में भी देरी की शिकायतें बढ़ी ही जा रही थी। साथ ही लागत बढ़ रही है और दरें वही। AHPI के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर गिरधर ज्ञानी ने बताया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की लागत हर साल बढ़ती ही जा रही है। मेडिकल उपकरण दवाइयां और कर्मचारियों का खर्च लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
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Bajaj Allianz General Insurance के नुकसान आए सामने:
Bajaj Allianz General Insurance पर कैशलेस इलाज से बहुत देरी की जाती है। इतना ही नहीं इसके साथ ही नो क्लेम बोनस का नुकसान भी है। वहीं क्लेम की प्रोसेस कठिन हो गई है, जिससे पॉलिसी धारक के लिए क्लेम फाइल करना मुश्किल हो रहा है। इससे समय और प्रयास की बर्बादी हो रही है और सही ढंग से यह भी पता नहीं चल रहा है कि क्लेम सही तरीके से प्रक्रिया हो रहा है या नहीं।
Bajaj Allianz ने AHPI के आदेश को मानने से किया इंकार:
अस्पतालों का कहना है की बढ़ती लागत के बावजूद कम रेट पर इलाज करना अब उनके लिए संभव नहीं रह गया है। यही वजह है कि संगठन ने मजबूरी में यह कठोर कदम उठाया है। वैसे तो 2 साल में एक बार इलाज की दरों की चिकित्सा महंगाई के हिसाब से संशोधित कर दिया जाता था, लेकिन Bajaj Allianz इस सिस्टम को मानने के बजाय पुरानी दरों को ही और घटाने की ही मांग कर रहे थे। यही कारण है कि अस्पतालों में लंबी समय से शिकायतें चल रही थी। लोगों के बीच इसके विरुद्ध आक्रोश बढ़ गया है और वह वापस फ्री इलाज की मांग कर रहे हैं।
AHPI के फैसले से लाखों गरीबों को झेलनी होगी परेशानी:
AHPI के फैसले को मानने पर सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि इनका असर सीधा उन लाखों लोगों पर पड़ेगा, जिनके पास Bajaj Allianz की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है। अगर स्थिति ऐसी ही रही तो मरीज को अस्पताल में इलाज के दौरान पूरा बिल खुद ही चुकाना पड़ेगा। आगे चलकर बाद में वह बीमा कंपनी से क्लेम करके पैसा वापस ले लेंगे लेकिन इलाज के समय उन्हें कैशलेस सुविधा नहीं मिलेगी।
31 अगस्त तक Bajaj Allianz को निकालना होगा समाधान:
जैसा कि हमने बताया AHPI ने अपना आदेश सुना दिया है लेकिन Bajaj Allianz इसे मानने से साफ मना कर रही है। हालांकि लोगों के पास 31 अगस्त, 2028 तक का वक्त है। अभी भी उम्मीद की एक छोटी किरण बाकी है। AHPI ने यह स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर 31 अगस्त तक बीमा कंपनी कोई अच्छा समाधान दे सकती है। इसके साथ ही अगर दरों पर सहमति बन जाती है तो कैशलेस सुविधा बंद नहीं की जाएगी। वहीं अगर कंपनी चुप्पी बनाए रही और कोई भी करवाई नहीं की और इस समस्या का हल नहीं निकला तो यह सुविधा सितंबर में खत्म कर दी जाएगी और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
Bajaj Allianz और AHPI का मामला बन चुका है चर्चा का विषय:
अब Bajaj Allianz और AHPI के बीच का यह मामला सिर्फ अस्पताल और इंश्योरेंस कंपनी का विवाद नहीं रह गया है, बल्कि यह एक चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में कैशलेस इलाज पर रोक लगने के कारण नागरिकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिससे आम आदमी के इलाज के खर्च बढ़ गए और संजीदा स्थिति में जीवन खतरे में पड़ गए। इसका सीधा असर उन करोड़ों लोगों पर होगा, जिन्होंने Bajaj Allianz की हेल्थ इंश्योरेंस खरीदी थी। कैशलेस सुविधा का बंद हो जाना मरीजों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल हो सकती है, क्योंकि इमरजेंसी में तुरंत ही पैसा निकालना सभी के लिए संभव नहीं हो सकता है।
Bajaj allianz ने AHPI के आदेश पर दी अपनी प्रतिक्रिया:
Bajaj Allianz ने AHPI के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उसका कहना है कि हमने हमेशा देश के नागरिकों के लिए हित का काम किया है, और किसी भी तरह का दबाव हमें झुका नहीं सकता। Bajaj Allianz ने यह भी कहा कि वह जल्द ही चेक करेगी कि ग्राहक को अस्पताल वाले को पैसा देने से पहले ही उनके अकाउंट में पैसा पहुंचा दिया जाए। इससे उन्हें परेशानियों का सामना न करना पड़े।
अब यह देखा जाएगा कि 28 अगस्त को क्या होगा, क्या इसका कोई हल निकल पाएगा या फिर लोगों को कैशलेस जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यह स्थिति मरीजों के लिए एक चिंता का कारण बन गई है, लेकिन उम्मीद है कि अस्पताल और बीमा कंपनियां मिलकर कोई ना कोई समाधान निकाल ही लेंगे।
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